"Resolved" एक गंभीर ई-प्रशासनिक मुद्दा

ई- गवर्नेंस, आज के दौर का एक मजबूत गवर्नेंस टूल है, और आगे आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण होगा। एडमिनिस्ट्रेटिव अधिकारियों द्वारा नागरिक सेवाएं और उससे जुड़े मुद्दे की जानकारी और स्टेटस अपडेट का बहुत बड़ा हिस्सा, अब इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस के जरिये ही देखे और सुलझाए जाते है।

सरकारी सिस्टम में इ-गवर्नेंस के भी दो प्रकार है, पहला, जो इंटर डिपार्टमेंटल प्रोसेस को फॉलो करता है, दूसरा जो सीधे नागरिक सेवाओं से जुड़ा होता है। इंटर डिपार्टमेंटल सिस्टम तो ई- गवर्नेंस का एक अच्छा उदाहऱण है लेकिन नागरिक सेवाओं में ई- गवर्नेंस का सही उपयोग अभी भी होना बाकि है। जबकि सामान्य नागरिकों में ऐसा विश्वास है की ये समाधान कारगर और पूर्ण पारदर्शी है।

उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश निवासी एक वृद्ध फरियादी अपनी समस्या पोर्टल पर समाधान हेतु अपलोड करता है और बदले में कुछ दिनों बाद उसकी समस्या का उत्तर "REVOLVED" टैग से दिया गया । लेकिन शिकायतकर्ता के पास इस टैग के आलावा कोई और जानकारी दस्तावेज या सम्बंधित पत्र नहीं है जो यह प्रमाणित कर सकते की उनकी समस्या का वास्तव में कोई समाधान हुआ भी है या नहीं। अतः ई- गवर्नेंस की प्रमाणिकता और जवाबदेही पर संदेह होता है।

गूगल प्लेस्टोर पर प्रदेश की "जनसुनवाई एप्लीकेशन" के यूजर रिव्यु से, टूल की आम जनता में उपयोगिता की एक झलक मिलती है।

जनसुनवाई एप्लीकेशन तो एक उदाहरण मात्र है, ऐसा अधिकतर प्रदेशों के शिकायत निवारण एप्लीकेशन के हाल है।

पारदर्शिता एवं जवाबदेही, ई-गवर्नेंस फ्रेमवर्क का अभिन्न अंग है, लेकिन जवाबदेही की कमी अधिकतर ऑनलाइन समाधान सामग्री में दिखती है।

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण विभाग के दस्तावेज Framework for Citizen Engagement in e-Governance में भी प्रशासनिक जवाबदेही पर कोई मजबूत व्याख्या नहीं की गई है।

जबकि दूसरे अन्य दस्तावेजों में जवाबदेही नागरिक के प्रति न या कम होकर सिर्फ आतंरिक सिस्टम में और उच्च अधिकारियों तक ही है।

जिस रफ़्तार से इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस का विस्तार हो रहा है, अगर नागरिक समाधान माइक्रो मैनेजमेंट के साथ नहीं विकसित होंगे तो, लोगों का विश्वास डिजिटल माध्यम (विशेषकर सरकारी संस्थान द्वारा बनाये गए ) से उठ जायेगा जो आगे चलकर बड़े लक्ष्यों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी।

सराहनीय प्रयास :

जनसम्पर्क पोर्टल - राजस्थान के मजदूर किसान शक्ति संगठन, ने अपने नेतृत्व में कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ तीन से चार सालों के अथक प्रयासों से वहां की इ-गवर्नेंस सिस्टम को सुधारने के लिए विभागों, सूचना प्राद्योगिकी विभाग और मुख्य सचिव को कई सुझाव व सहयोग प्रदान किया।

जान सूचना पोर्टल एक आदर्श ई-गवर्नेंस टूल के करीब का उदाहरण है, जो नागरिक की समस्याओं से समाधान तक के सभी स्टेप्स को समझ कर बनाया गया है। साथ ही जवाबदेही को भी सुनिश्चित करने का भी जिक्र करता है।

सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र - डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन जैसी संस्थाएं कम्युनिटी में इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस और अन्य सम्बंधित टूल के बारे में लोगो को जाकरूक करते है, और पिछड़े तबको तक गवर्नेंस को ले जाने में मदद करते है। बौद्धिक और आधारभूत संरचना में निवेश के जरिये इ-गवर्नेंस सुविधाओं के प्रयोग के लिए लोगो को प्रोत्साहित करते है।

सौरभ श्रीवास्तव एक सोशल डेवलपमेंट प्रैक्टिशनर ,आई सी टी और ई-गवर्नेंस क्षेत्र के एक्सपर्ट है।

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